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माता कमला लक्ष्मी

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<h3><strong>माता कमला लक्ष्मी</strong></h3>

माता कमला लक्ष्मी

आज हम आपके लिए अंतिम तथा दसवी महाविद्या भगवती कमला देवी की कथा को लेकर आए हैं। अतः आप प्रसन्न चित्त मन श्रवण करें।

माता कमला श्री कुल की देवी तथा स्वयं महालक्ष्मी हैं। देवता एवं दैत्य, दानव, मनुष्य, अखिल ब्रह्माण्ड जिसके द्वारा चलता है। संसार की जितनी भी सम्पदाऐं हैं। वह इन्हीं के आशीर्वाद के द्वारा प्राप्त होती हैं इसलिए इन्हें श्री कहा जाता है और श्री की प्राप्ति के लिए सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड लालायित रहता है। इन्हें सौभाग्य लक्ष्मी भी कहते हैं तथा अनेक नामों से जानी जाती हैं। यदि इनकी साधना कोई मनुष्य तथा देवता करता है तो वह समस्त समृद्धि, यश, वैभव को प्राप्त करता है तथा माता की कृपा उस पर सदैव बनी रहती है। श्रीमद् भागवत के अष्ट्म स्कन्ध के अष्ट्म अध्याय में माॅ कमला के उद्भव के प्रमाण है। कथा में कहा गया है कि देवताओं तथा असुरों ने जब अमृत प्राप्ति के लिए समुद्र मंथन किया तब माॅ जगदम्बा कमला श्री का उदभव हुआ, तथा उन्होंने भगवान नारायण को बट के रूप में वर्ण किया तथा यह मुख्य और पाॅच नामों से प्रसिद्ध हुई, समुद्रवासनी, नारायण बल्लभा, पद्मासना, महालक्ष्मी तथा य´यला, ये पाॅच नामों से देवताओं ने माता की स्तृति की।

ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः

मां कमला देवी को श्रीहरि भगवान विष्णु की शक्ति और मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है. 

आदिशक्ति के दस अवतारों में दसवां अवतार मां कमला देवी का है. कमला जयंती को तांत्रिक पूजा का भी महत्‍व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन मां कमला देवी की विशेष उपासना से धन, कौशल, ऐश्वर्य और विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

धन की देवी लक्ष्मी जी की अराधना सभी करते हैं और उनकों मनाने के लिए विभिन्न पूजा पाठ भी करते हैं। लेकिन यहां हम आपको बता रहे हैं देवी लक्ष्मी से जुड़ी ये खास बातें जो आपको जरूर जाननी चाहिए। लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए आपको सबसे पहले घर मैं बैठी हुई लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो लगानी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें कि कभी भी खड़ी लक्ष्मी की प्रतिमा न लगाएं।

 

देवी लक्ष्मी को क्यों कहा जाता है कमला?

देवी लक्ष्मी का एक नाम कमला है। चूंकि वह कमल के आसन पर व‌िराजमान होती हैं और उनके हाथों में भी कमल का पुष्प होता है इसलिए उन्हें कमला देवी भी कहा जाता है।

 

उल्लू या हाथी, कौन है मां लक्ष्मी का वाहन

पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी लक्ष्मी का वाहर उल्लू है जबकि धन की देवी महालक्ष्मी का वाहर हाथी को माना जाता है। वहीं, कुछ के अनुसार, उल्लू को माता अलक्ष्मी का वाहन माना जाता है, जिसपर बैठकर वह भगवान विष्णु के साथ पृथ्वी भ्रमण करने आती हैं।

 

मां लक्ष्मी को चढ़ाए से चीजें

माता लक्ष्मी को पूजा के दौरान मखाना, सिंघाड़ा, बताशे, ईख, हलुआ, खीर, अनार, पान, सफेद और पीले रंग के मिष्ठान्न, केसर-भात चढ़ाना चाहिए। इससे मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती है।

 

मां लक्ष्मी के 8 रूप

समुद्र मंथन से जब मां लक्ष्मी प्रकट हुई तब उनके हाथ में स्वर्ण से भरा कलश था, जिसमें से वह धन की वर्षा करती हैं। वहीं, माता लक्ष्मी के 8 रूप धनलक्ष्मी, आदिलक्ष्मी, धान्यलक्ष्मी, संतानलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, विजयलक्ष्मी, वीरलक्ष्मी, विद्यालक्ष्मी माने जाते हैं।

 

"दुर्भाग्य की देवी" माता अलक्ष्मी

माता लक्ष्मी के बारे में तो पूरा संसार जानता है लेकिन उनकी एक बड़ी बहन भी थी देवी अलक्ष्मी। भागवत महापुराण के अनुसार, देवी अलक्ष्मी समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्न के साथ बाहर निकली थी लेकिन आसुरी शक्तियों की शरण में जाने की वजह से उन्हें 14 रत्नों में नहीं गिना जाता। मां लक्ष्मी धन की देवी है जबकि माता अलक्ष्मी को गरीबी व दरिद्रता और दुर्भाग्य की देवी कहा जाता है।

मां लक्ष्मी के माने जाते हैं दो रूप

मान्यता है कि जहां भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना होती हैं वहां मां लक्ष्मी जरूर वास करती है। लक्ष्मीजी को श्रीरूप और लक्ष्मी रूप को देमें देखा जाता है। श्रीरूप में वह कमल और लक्ष्मी रूप में वह भगवान विष्णु के साथ विराजमान होती हैं। महाभारत में लक्ष्मी के 'विष्णुपत्नी लक्ष्मी' एवं 'राज्यलक्ष्मी' दो प्रकार बताए गए हैं।

अन्न का रूप भी है देवी लक्ष्मी

माता लक्ष्मी का एक रूप अन्न भी है। जो लोग जरा-सा गुस्सा आने पर भोजन की थाली फेंक देते हैं या अन्न का अपमान करते हैं उनके घर धन, वैभव एवं पारिवारिक सुख नहीं टिकता।

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माँ कमला लक्ष्मी 2100 पाठ

माँ कमला लक्ष्मी के रूप व स्वभाव को देखते हुए इनकी पूजा तांत्रिकों द्वारा तंत्र व शक्ति विद्या अर्जित करने व अपने शत्रुओं का नाश करने के उद्देश्य से की जाती हैं। आम भक्तों को केवल इनकी उपासना करने की सलाह दी जाती हैं ना की विशेष रूप से पूजा या साधना की।


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माँ कमला लक्ष्मी 5100 पाठ

माँ कमला लक्ष्मी के रूप व स्वभाव को देखते हुए इनकी पूजा तांत्रिकों द्वारा तंत्र व शक्ति विद्या अर्जित करने व अपने शत्रुओं का नाश करने के उद्देश्य से की जाती हैं। आम भक्तों को केवल इनकी उपासना करने की सलाह दी जाती हैं ना की विशेष रूप से पूजा या साधना की।


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माँ कमला लक्ष्मी सवा लाख जाप

माँ कमला लक्ष्मी के रूप व स्वभाव को देखते हुए इनकी पूजा तांत्रिकों द्वारा तंत्र व शक्ति विद्या अर्जित करने व अपने शत्रुओं का नाश करने के उद्देश्य से की जाती हैं। आम भक्तों को केवल इनकी उपासना करने की सलाह दी जाती हैं ना की विशेष रूप से पूजा या साधना की।


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माँ कमला लक्ष्मी सम्पूर्ण कवच

समस्त वस्तुएँ सवा लाख मंत्र एवं विशेष पूजन के द्वारा सिद्ध की गयी हैं ,इन समस्त वस्तुओं के उपयोग से आप अपने जीवन से संबंधित परेशानी को दूर कर सकते हैं ,ये वस्तुएँ आपके जीवन में उन्नति एवं उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करेंगी ।।


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सर्व कार्य सिद्धि हेतु हवन

राजस यज्ञ सात्विक होता है , जिसे समस्त लोग कर सकते हैं , तामस यज्ञ सात्विक नहीं होता है तथा उसमें ड़लने वाली आहुति भी सात्विक नहीं होती हैं , तथा तानस यज्ञ जिसे तांत्रिक क्रिया से किया जाता है , इस यज्ञ में भी सात्विक आहुति नहीं ड़लती।।


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ज्योतिष (Astrology) एक प्राचीन विज्ञान है जो ग्रहों, नक्षत्रों, और अन्य खगोलीय पिंडों की स्थिति और उनके प्रभावों का अध्ययन करता है। यह विश्वास किया जाता है कि इन खगोलीय पिंडों की स्थिति और गति का मानव जीवन, प्रकृति और घटनाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ज्योतिष के माध्यम से, हम इन प्रभावों को समझकर अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं और विभिन्न समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।

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